एक बच्चे को साइकिल चाहिए थी . उसके मा बाप ने मना कर दिया तो वो उदास हो गया . फिर उसके दीमाग में एक ख्याल आया की क्यू नहीं वो भगवान् से साइकिल के पैसे मांग ले . 
उसने एक लैटर लिखा और डाक खाने के डब्बे मैं दाल दिया . 



“क्षीर सागर 
वैकुण्ठ धाम 

विष्णु जी को मेरा प्रणाम ! 
यु तो आपका दिया सबकुछ है 
बस एक साइकिल की कमी है !!
अगर आप ५००० हज़ार भिजवा दे तो भक्त पर बड़ी कृपा होगी 

आपका - बंटी “

जब डाक विभाग वालो को ये पत्र मिला तो उनको बहुत दुःख हुआ. सबने चंदा इकठ्ठा किया और चार हज़ार रूपये जमा कर उस लड़के को मनी आर्डर भिजवा दिया . 

मनी आर्डर पाकर लड़का बहुत खुश हुआ . 
एक हफ्ते बाद उसने फिर से एक पत्र लिखा - विष्णु जी के नाम . 

“क्षीर सागर 
वैकुण्ठ धाम 

विष्णु जी को मेरा प्रणाम ! 
भगवन ! आपके भेजे हुए पैसे मिल गए , बहुत धन्यवाद्. 
वैसे आपने तो पुरे पांच हज़ार भेजे होंगे , पर बेडा गर्क हो इन डाक विभाग वालों का . सालों ने हज़ार रूपये डकार लिए .

आपका - बंटी !”


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