स्कूल का वो आखरी दिन
जब सारी लडकियां साड़ी में आती थी 
और उन्हें देखकर मन में एक ही सवाल होता था साला ये भी इतनी सुंदर थी
स्कूल ड्रेस में पता ही नहीं चला 



लड़का तुम लडकियां इतनी खूबसूरत क्यों हों
लड़की क्योंकि भगवान ने हमें अपने हाथों से बनाया है
लड़का लें बोल तो ऐसे रही है जैसे हमें तो मजदूरों को ठेके पर दिया था

पति अरे सुनो मुन्ना रो रहा है चुप कराओ इसे
पत्नी मैं काम करू या बच्चे संभालू, मैं इसे दहेज़ में नहीं लायी थी खुद ही चुप करा लो
पति फिर रोने दे
मैं कौनसा इसे बारात में लेकर गया था



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